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लघु कथा-पिता का अंतिम संस्कार![contest]

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मृत्यु शैय्या पर ‘कंजूस’ पिता लेटा हुआ है। डाक्टर जवाब दे चुके हैं !
उसके तीनों बेटे उसके इर्द-गिर्द खडे़ हुए हैं, वे आपस में आगे की योजना बना रहे हैं!
एक बेटा कहता है-हम पिताजी का अंतिम संस्कार ‘हरिद्वार’ में करेंगे!
दूसरा बेटा-चुप कर तू हमेशा खर्चे की बात करता है, हम पिताजी का ‘बृजघाट’ में अंतिम  संस्कार करेंगे, जो यहां से पास भी है!
तीसरा बेटा-तुम दोनों को अक्ल पता नहीं कब आयेगी? अरे! हमारे शहर में ‘श्मशान घाट’ नहीं है क्या? हम यहीं पर पिताजी का अंतिम संस्कार कर देगें!
मरणासन्न पिता ने धीरे से आंख खोली, और जोर से चीखें!!!!
अबे उल्लू के पटठों! तुम तीनों घर पर हो, दुकान पर कौन है?
मेरी ‘छड़ी’ और ‘दांत’ ला दो! तुम दुकान जाओ!
मैं खुद ही ‘श्मशान घाट’ चला जाऊंगा!!

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